(Hindi) पीवी नरसिम्हा राव, चौधरी चरण सिंह, और एमएस स्वामिनाथन को भारत रत्न, हुई घोषणा
न्यूज 1 भारत/ नई दिल्ली
पीवी नरसिम्हा राव, चौधरी चरण सिंह, और एमएस स्वामिनाथन को भारत रत्न से सम्मानित करने की घोषणा ने भारतीय समाज में गहरा प्रभाव डाला है. इस चयन ने एक ही साल में भारत रत्न की बांटवारे के रिकॉर्ड को तोड़ दिया है, जिससे सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक स्तर पर चर्चा हो रही है।
कौन हैंं पीवी नरसिम्हा राव
इस सम्मान के लिए चयनित होने वाले प्रतिष्ठित व्यक्तियों में पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव, जो भारतीय राजनीति के विभिन्न पहलुओं में अपने साहस और कुशलता के लिए पहचान बना चुके हैं, उनमें से एक हैं। उन्होंने अपने योगदान से देश को न्याय, समृद्धि, और सामरिक समर्थन प्रदान किया है।
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कौन हैंं चौधरी चरण सिंह
चौधरी चरण सिंह, जो किसानों और जाटों के सबसे बड़े नेताओं में से एक माने जाते हैं, ने अपने जीवन में कृषि, समाजसेवा, और राजनीति के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनका समाज में गहरा प्रभाव है और उन्होंने अपनी अद्वितीय पहचान के लिए भारत रत्न के पात्र बनने का सम्मान प्राप्त किया है।
एमएस स्वामीनाथन के बारे में जान लीजिए
एमएस स्वामिनाथन, जो हरित क्रांति के जनक के रूप में जाने जाते हैं, ने अपने वैज्ञानिक ज्ञान और कृषि विज्ञान में दिए गए उनके योगदान के लिए भी इस महत्वपूर्ण सम्मान के पात्र बनने का हकदार होने का साबित किया है। उन्होंने वैश्विक स्तर पर खाद्य सुरक्षा के क्षेत्र में अपने अद्भुत योगदान के लिए सम्मान प्राप्त किया है और उनकी गहरी ज्ञानवर्धन विद्या जगत में सराही जाती है।
इस बार के भारत रत्न सम्मान के साथ, चयनित व्यक्तियों की अद्वितीयता, उनके योगदान, और उनकी प्रतिबद्धता ने उन्हें इस उच्च सम्मान के लायक बना दिया है। यह सम्मान उनके जीवन और कार्य की महत्वपूर्ण ऊंचाइयों को दिखाता है, और उनकी अनगिनत योजनाओं को समृद्धि और सम्मान के साथ याद करता है।
Delighted to share that our former Prime Minister, Shri PV Narasimha Rao Garu, will be honoured with the Bharat Ratna.
As a distinguished scholar and statesman, Narasimha Rao Garu served India extensively in various capacities. He is equally remembered for the work he did as… pic.twitter.com/lihdk2BzDU
— Narendra Modi (@narendramodi) February 9, 2024
जिनको मिला भारत रत्न, उनके बारे में जानें
चौधरी चरण सिंह
- किसानों और जाटों के सबसे बड़े नेता.
भारत के प्रधानमंत्री रहे
- 28 जुलाई 1979 से 14 जनवरी 1980 तक जनता पार्टी सरकार में 5 महीने प्रधानमंत्री रहे.
दो बार यूपी के मुख्यमंत्री रहे
- 3 अप्रैल 1967 से 25 फरवरी 1968 (भारतीय क्रांति दल) – लगभग 11 महीने
- 18 फरवरी 1970 से 1 अक्टूबर 1970 (भारतीय क्रांति दल) – लगभग 7 महीने
- जन्म 23 दिसम्बर 1902 को उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के नूरपुर में हुआ था
- एक मध्यमवर्गीय किसान परिवार में जन्म
- वह पहली बार 1937 में छपरौली से यूपी विधान सभा के लिए चुने गए थे
- जून 1951 में, उन्हें राज्य में कैबिनेट मंत्री चुने गए थे
- कांग्रेस, जनता दल, भारतीय क्रांति दल, लोक दल से जुड़े थे
- चौधरी चरण सिंह का निधन 29 मई 1987 को हुआ था
- कृषक समुदायों के साथ उनके आजीवन जुड़ाव के कारण नई दिल्ली में उनके स्मारक का नाम किसान घाट रखा गया था
पी. वी. नरसिंह राव
- जन्म 28 जून 1921 को करीमनगर में हुआ था
- उस्मानिया विश्वविद्यालय, मुंबई विश्वविद्यालय एवं नागपुर विश्वविद्यालय से अपनी पढ़ाई की
- पी.वी. नरसिंह राव के तीन बेटे और पांच बेटियां हैं
- पेशे से कृषि विशेषज्ञ एवं वकील श्री राव राजनीति में आए
आंध्र प्रदेश सरकार में
- 1962 से 64 तक कानून एवं सूचना मंत्री
- 1964 से 67 तक कानून एवं विधि मंत्री
- 1967 में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा मंत्री
- 1968 से 1971 तक शिक्षा मंत्री रहे
- 1971 से 73 तक आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री
- 1975 से 76 तक अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के महासचिव
- 1968 से 74 तक आंध्र प्रदेश के तेलुगू अकादमी के अध्यक्ष
- 1972 से मद्रास के दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा के उपाध्यक्
- 1957 से 1977 तक आंध्र प्रदेश विधान सभा के सदस्य
- 1977 से 84 तक लोकसभा के सदस्य रहे
- दिसंबर 1984 में रामटेक से आठवीं लोकसभा के लिए चुने गए
- 14 जनवरी 1980 से 18 जुलाई 1984 तक विदेश मंत्री
- 19 जुलाई 1984 से 31 दिसंबर 1984 तक गृह मंत्री
- 31 दिसंबर 1984 से 25 सितम्बर 1985 तक रक्षा मंत्री
- 5 नवंबर 1984 से योजना मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार
- 25 सितम्बर 1985 से उन्होंने मानव संसाधन विकास मंत्री
- राव संगीत, सिनेमा एवं नाटकशाला में रुचि रखते थे
- भारतीय दर्शन एवं संस्कृति, कथा साहित्य एवं राजनीतिक टिप्पणी लिखने, भाषाएं सीखने, तेलुगू एवं हिंदी में कविताएं लिखने एवं साहित्य में उनकी विशेष रुचि थी.
एम एस स्वामीनाथन
- भारत में हरित क्रांति के जनक
- दुनिया भर के विश्वविद्यालयों से 81 मानद डॉक्टरेट उपाधियां प्राप्त की थीं
- 2007-13 की अवधि के लिए संसद (राज्य सभा) के सदस्य (नामांकित)
स्वामीनाथन को मिले अन्य पुरस्कार
- 1971 में सामुदायिक नेतृत्व के लिए रेमन मैग्सेसे पुरस्कार
- 1986 में अल्बर्ट आइंस्टीन विश्व विज्ञान पुरस्कार
- 1987 में पहला विश्व खाद्य पुरस्कार
- 2007 में लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय पुरस्कार
- पद्म श्री (1967)
- पद्म भूषण (1972)
- पद्म विभूषण (1989)