अब भारत में बनेगी पहली कोरियन और जापानी सिटी, आप भी ले सकते हैं घर
एनसीआर के एक शहर में जापानी और कोरियन सिटी बनाने का निर्णय लिया गया, जल्द होगा जमीन अधिग्रहण
- news1bharat
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न्यूज 1 भारत/ नई दिल्ली
अगर आप विदेशी शहरों वाली फील लेना चाहते हैं तो आपके लिए ये खुशी की खबर है. एनसीआर के इस शहर में जल्द ही जापानी और कोरियन सिटी बनने जा रही है, जिसको लेकर यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) ने जापानी औऱ कोरियाई औद्योगिक शहरों की स्थापना के लिए दो सेक्टर आवंटित करने का फैसला किया है। जिसके लिए सैकड़ों हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा. दोनों शहरों के विकास के लिए तकरीबन 2,444 करोड़ रुपये खर्च होने की उम्मीद है। इन खास सिटीज की बात करें तो इनमें हाउसिंग से लेकर स्कूल-हॉस्पिटल तक सभी सुविधाएं मिलेंगी। जापानी और कोरियन सिटीज जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट से मात्र 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित होंगी. जिससे इस प्रोजेक्ट्स के लिए कनेक्टिविटी बढ़ने की उम्मीद है।
नोएडा में यहां बनेगी दोनों सिटीज
जापानी शहर नोएडा के सेक्टर 5ए में स्थापित की जाएगी, जो 395 हेक्टेयर जमीन पर बनेगी, तो वहीं, कोरियन सिटी को सेक्टर 4ए में 395 हेक्टेयर एरिया में बसाया जाएगा। अथॉरिटी के सीईओ अरुण वीर सिंह का कहना है कि इलेक्ट्रॉनिक हब में चिप, सेमीकंडक्टर, एआई इक्विपमेंट और कैमरे की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगेंगी.
इन शहरों को स्थापित करने का निर्णय पिछली साल यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से पहले जापान और कोरिया के इन्वेस्टरों के साथ हुई बैठक के दौरान लिया गया था. नोएडा में बनाए जाने वाले इन दोनों देशों में जापान और कोरिया के कंपनी कर्मचारियों के लिए रेजिडेंशियल यूनिट्स भी होंगी, जिनमें स्कूल, अस्पताल से लेकर सभी जरूरी चीजें शामिल होंगी।
दिल्ली एनसीआर को होगा बड़ा लाभ
पवन शर्मा,एमडी,ट्राइसोल रेड ने बताया कि विश्वस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर, अबाध्य बिजली आपूर्ति, इंटरनेट कनेक्टिविटी और अत्याधुनिक सभी सुविधाओं की उपलब्धता से नोएडा, ग्रेटर नोएडा विदेशी कंपनियों के लिए पसंदीदा डेस्टिनेशन बनने जा रहा है। ऐसे में निवेशकों के लिए ये एक सुनहरा अवसर है। आसपास रहने वाले लोगों को भी सीधा लाभ होगा क्योंकि आने वाले समय में यहां विकास में तेजी आएगी।
विश्वस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर होगा विकसित
एसकेए ग्रुप के डायरेक्टर संजय शर्मा ने बताया कि जापानी और कोरियन सिटीज की जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट से नजदीकी इस प्रोजेक्ट्स के लिए कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएंगे। इतना ही नहीं यहां तेजी से नए रेजिडेंशियल प्रोजेक्ट्स भी विकसित होंगे क्योंकि विकसित हो रहीं जापान और कोरियन सिटी में काम करने वाले लोगों को आवास की भी जरूरत होगी। ऐसे में निश्चित तौर पर विकास में तेजी आएगी और रेजीडेंशियल रियल एस्टेट सेक्टर के साथ निवेशकों को इसका लाभ होगा।
निर्यात और व्यापार में होगी बढ़ोतरी
ग्रुप 108 के मैनेजिंग डायरेक्टर संचित भूटानी ने बताया कि जेवर में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के उद्घाटन से रोजगार सृजन, पर्यटन, निर्यात और व्यापार में बढ़ोतरी होगी और रियल एस्टेट बाजार को बड़ा बढ़ावा मिलेगा। इससे दोनों शहरों के विकास को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है और निश्चित रूप से कमर्शियल, रिटेल और आवासीय परियोजनाओं से जुड़े अधिक रियल एस्टेट के विकास में तेजी आएगी। जैसे-जैसे घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय उड़ान और लोगों की आवाजाही बढ़ेगी, कमर्शियल और ऑफिस स्पेस की मांग भी बढ़ने की संभावना है। भविष्य में कमर्शियल और रेजीडेंशियल दोनों प्रकार के रियल एस्टेट सेक्टर को इसका लाभ मिलेगा।
दोनों देशों के साथ कारोबार होगा बेहतर
सीआरसी ग्रुप के डायरेक्टर सेल्स और मार्केटिंग सलिल कुमार के अनुसार जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास दोनों सिटीज बसाई जाएंगी, इससे दोनों देशों से आने वाले कारोबारियों के लिए कनेक्टिविटी बेहतर होगी। जेवर एयरपोर्ट के पास सेक्टर 4-ए और 5-ए में ये दोनों सिटीज को बसाया जाएगा, जहां कोरियन और जापानी लोगों के लिए कमर्शियल एरिया भी स्थापित किए जाएंगे। जो क्षेत्र के समग्र विकास को बढ़ावा देगा। जापान के आकर्षण और जेवर हवाई अड्डे के पास कोरियाई शहरों के जैसे सिटी विकसित करने से ये रियल एस्टेट में भविष्य में निवेश को बढ़ावा देगा।