पूरे अयोध्या शहर में भ्रमण नहीं करेंगे रामलला, प्रतिमा का नगर भ्रमण कार्यक्रम हो गया रद्द्द, जाने क्या रहे कारण
न्यूज 1 भारत/ अयोध्या
अयोध्या के राम मंदिर में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले प्रस्तावित नगर भ्रमण को रद्द कर दिया गया है. 17 जनवरी को प्रस्तावित देव विग्रह के नगर भ्रमण कार्यक्रम किया जाना था. हालांकि मंदिर ट्रस्ट ने ही इसे न करने का निर्णय लिया गया है. ऐसे में भगवान राम अब अयोध्या शहर में भ्रमण नहीं करेंगे. अयोध्या के लोगों को रामलला के भ्रमण का बेसब्री से इंतजार था. हालांकि अब भक्तों को निराशा जरू होगी. यह कार्यक्रम क्यों रद्द किया गया है अब हम आपको इस बारे में बताते हैं.
ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने क्या कहा-
ट्रस्ट के एक पदाधिकारी ने बताया कि प्रतिमा को पूरे अयोध्या नगर में घुमाने का कार्यक्रम अब नहीं होगा. इस कार्यक्रम को रद्द कर दूसरा कार्यक्रम किया जाएगा. अब ट्रस्ट उसी दिन (17 जनवरी) को ही राम जन्मभूमि मंदिर परिसर के अंदर प्रतिमा के भ्रमण की व्यवस्था करेगा. शहर नहीं बल्कि अब मंदिर परिसर के अंदर ही रामलला भ्रमण करेंगे.
कार्यक्रम रद्द करने के ये रहे कारण
ट्रस्ट के पदाधिकारी ने बताया कि सुरक्षा एजेंसियों की सलाह पर ट्रस्ट ने सुरक्षा कारणों से इस कार्यक्रम को रद्द कर दिया है. यह निर्णय श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने काशी के आचार्यों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक करने के बाद लिया है. अयोध्या प्रशासन की मानें तो ट्रस्ट की बैठक में इस बात पर चर्चा हुई थी कि जब रामलला की प्रतिमा को शहर में ले जाया जाएगा तो श्रद्धालु और तीर्थयात्री दर्शन के लिए उमड़ पड़ेंगे. इस दौरान प्रशासन के लिए भीड़ को नियंत्रित करना मुश्किल हो सकता है.
आपको बता दें कि आगामी 22 जनवरी को राम मंदिर का उद्घाटन और राम लला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम होना है. कार्यक्रम में पीएम नरेंद्र मोदी समेत कई गणमान्य अतिथियों को आमंत्रित किया गया है. इसके अलावा 4000 से अधिक संतों को भी कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया है. 22 जनवरी को दोपहर 12 बजे के बाद राम मंदिर में भगवान श्रीराम के बाल रूप की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी. इसकी विधि 16 जनवरी से ही शुरू हो जाएगी.
काशी से आए दो विद्वानों की अगुवाई में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी. ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय का कहना है कि इस कार्यक्रम के लिए आमंत्रितों को सलाह दी गई है कि वह 22 जनवरी से पहले ही अयोध्या आ जाएं, जिससे उनके रहने के लिए उचित इंतजाम हो सके.