आरबीआई के निर्णय से रियल एस्‍टेट सेक्‍टर में खुशी

आरबीआई की मॉनिटरी कमेटी ने की रेपो रेट की घोषणा, 6.5 प्रतिशत पर स्थिर

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नई दिल्‍ली। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बृहस्‍पतिवार को मॉनिटरी पॉलिसी की घोषणा कर दी। रिजर्व बैंक गर्वनर शशिकांत दास ने एक बार फिर ऐसा निर्णय लिया जो न सिर्फ उपभोक्‍ताओं के हित में होगा, बल्कि इससे रियल एस्‍टेट सेक्‍टर में भी खुशी की लहर दौड़ गई है। आरबीआई ने रेपो रेट को लगातार नौंवी बार 6.5 प्रतिशत पर स्थिर रखने का बड़ा निर्णय लिया है। इसके बार रियल एस्‍टेट सेक्‍टर में उत्‍साह दिखाई दे रहा है।

पिछले आठ बार से रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में कोई इजाफा नहीं किया है। हालांकि माना जा रहा था कि लोकसभा चुनाव के बाद रेपो रेट में बढ़ोतरी हो सकती है। हालांकि रिजर्व बैंक ने सभी को चौंकाते हुए इस बार भी दरें नहीं बढ़ाई हैं। इसके पीछे महंगाई दर को 4 प्रतिशत पर लाने का कारण बताया गया है। आरबीआई गवर्नर शशिकांत दास ने कहा कि इंफ्लेशन को काबू में रखने के लिए यह निर्णय लिया गया है। ऐसे में अब होम लोन लेने वाले उपभोक्‍ताओं और निवेशकों की ईएमआई में बढ़ावा नहीं होगा। इसका सीधा लाभ रियल एस्‍टेट सेक्‍टर को मिलेगा। आईए जानते हैं रियल एस्‍टेट सेक्‍टर इस निर्णय के बाद कितना खुश है और एक्‍सपर्टस क्‍या कहते हैं।

क्रेडाई के चेयरमैन और गौड़ ग्रुप के सीएमडी मनोज गौड़ का कहना है कि लगातार नौवीं बार आरबीआई ने रेपो रेट नहीं बदला है। यह देश की आर्थिक बढ़ोतरी के लिए अच्छा है और इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास में मदद करेगा। इससे रियल एस्टेट सेक्टर को भी फायदा होगा। लेकिन, सस्ती आवास योजना का विकास अभी भी पीछे है और इसकी बहुत ज़्यादा मांग है। हमें उम्मीद है कि आरबीआई भविष्य में इस पर ध्यान देगा।
सीआईआई की एनआर कमेटी ऑन रियल एस्टेट के सह-अध्यक्ष और भारतीय अर्बन में सीईओ रेजिडेंशियल अश्विंदर आर. सिंह का कहना है कि आरबीआई का 6.5% पर दरें स्थिर रखने का निर्णय रियल एस्टेट के लिए अच्छा है। इससे घर खरीदना सस्ता बना रहता है और निवेशकों का भरोसा बढ़ता है। दरें न बढ़ाकर, आरबीआई चल रहे प्रोजेक्ट्स को समर्थन देता है और नए निवेशों को बढ़ावा देता है, जो कि हाउसिंग सेक्टर के विकास के लिए जरूरी है।

काउंटी ग्रुप के डायरेक्टर अमित मोदी के अनुसार आरबीआई द्वारा रेपो रेट को नहीं बढ़ाने का फैसला समय की जरूरत था। हम उम्मीद करते हैं कि भविष्य में भी यह स्थिर रहे। देश की आर्थिक स्थिति को देखते हुए, यह निर्णय उन पहली बार घर खरीदने वालों के लिए खास था, क्योंकि इससे ब्याज दरों में स्थिरता आई है। जो लोग अभी भी घर खरीदने का मन बना रहे हैं, उनके लिए यह एक अच्छा संकेत है। इसके साथ ही, 23 जून 2024 से पहले खरीदी गई संपत्तियों के लिए नई टैक्स नीति का भी लाभ मिलेगा, जो देश के बड़े मध्य वर्ग के लिए एक सकारात्मक कदम है।

एसकेए ग्रुप के निदेशक श्री संजय शर्मा ने कहा, “आरबीआई का नौवीं बार लगातार रेपो रेट को 6.50% पर बनाए रखने का निर्णय रियल एस्‍टेट सेक्‍टर में एक सराहनीय उछाल की उम्मीद जगाता है। आवास की कीमतों में वृद्धि के बीच, स्थिर गृह ऋण दरें गृह खरीदारों को कुछ राहत देंगी। इसके अलावा, स्थिर ब्याज दरें खरीदारों और डेवलपर्स दोनों को लाभान्वित करेंगी, जिससे उपभोक्ताओं का विश्वास और इस क्षेत्र में निवेश मजबूत होगा। आरबीआई का रेपो रेट स्थिर रखने का निर्णय नए परियोजनाओं की स्थापना और उभरते क्षेत्रों में विकास के विस्तार की दिशा में अग्रसर होगा।”

स्‍पेक्‍ट्रम मेट्रो के वाइस प्रेजीडेंट सेल्‍स व मार्केटिंग अजेंद्र सिंह ने कहा कि लगातार नौवीं बार रेपो दर को 6.50 फीसदी पर बनाए रखने का आरबीआई का यह निर्णय बॉयर्स पर वित्तीय बोझ को कम करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है। साथ ही इस बात का संकेत देता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था पूरी तरह मजबूत है। आरबीआई का यह निर्णय कॉमर्शियल सेक्टर में संभावित बॉयर्स को अपनी प्रॉपर्टी खरीद के साथ आगे बढ़ने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए अच्छा कदम है।

यश मिगलानी, एमडी मिगसन ग्रुप का कहना है कि आरबीआई द्वारा रेपो रेट्स को नौवीं बार 6.5% पर बनाए रखने के निर्णय से रियल्टी क्षेत्र पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। ब्याज दरें स्थिर रहने से संभावित घर खरीदार अनुकूल ऋण वातावरण का लाभ उठा सकते हैं।

ग्रुप 108 के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. अमि‍ष भूटानी कहते हैं कि आरबीआई ने नौवीं बार लगातार रेपो रेट को स्थिर बनाए रखकर एक सराहनीय कदम उठाया है। एक स्थिर रेपो रेट कमर्शियल रियल एस्टेट निवेशकों और घर खरीदने वालों दोनों में विश्वास पैदा करता है। यह स्थिरता रियल एस्टेट क्षेत्र की वृद्धि को सीधे प्रभावित करती है, जो भारत की जीडीपी और भविष्य की विकास संभावनाओं में महत्वपूर्ण योगदान देती है।

कुशाग्र अंसल, डायरेक्टर अंसल हाउसिंग ने रेपो रेट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आरबीआई द्वारा नौवीं बार मौजूदा रेपो रेट को बरकरार रखने का फैसला मार्किट के लिए एक स्वागत योग्य खबर है। जीडीपी के आंकड़ों में सुधार की उम्मीद है और रियल एस्टेट सेक्टर का जीडीपी में योगदान बढ़ रहा है, आरबीआई का यह कदम निस्संदेह रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट को बढ़ावा देगा।

हर्ष गुप्ता, सीईओ, सनड्रीम ग्रुप के अनुसार आरबीआई का रेपो रेट को 6.5% पर लगातार नौवीं बार स्थिर रखने का फैसला आर्थिक विकास और मुद्रास्फीति के बीच संतुलन बनाए रखने का संकेत है। पिछले 25 सालों में यह दूसरी सबसे लंबी स्थिरता का समय है, जो मौजूदा आर्थिक हालात पर विश्वास को दिखाता है। जीडीपी वृद्धि 7.2% पर स्थिर रहने से, आरबीआई की नीति मजबूत आर्थिक माहौल को बढ़ावा देती है, जिससे निवेश और विकास को बढ़ावा मिलता है। यह स्थिर मौद्रिक नीति बाजारों और निवेशकों को भरोसा देती है, जिससे व्यावसायिक योजनाओं और दीर्घकालिक योजनाओं के लिए स्थिरता मिलती है।

ट्रेवॉक के मैनेजिंग डायरेक्टर सहज चावला का कहना है कि आरबीआई का रेपो रेट को जस का तस बनाए रखना और महंगाई पर ध्यान देना खरीदारों, बैंकरों और रियल एस्टेट डेवलपर्स के लिए राहत की खबर है। इससे बाजार में भरोसा बना रहता है और सभी को निवेश और योजना बनाने में मदद मिलती है। स्थिर रेट के चलते रियल एस्टेट सेक्टर में विकास की उम्मीद और मजबूत हो जाती है।

रहेजा डेवलपर्स के नयन रहेजा के अनुसार आरबीआई द्वारा लगातार नौवीं बार रेपो रेट को 6.5% पर बनाए रखने का निर्णय रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए पॉजिटिव साइन देता है। जैसे-जैसे लग्जरी हाउसिंग में तेजी आ रही है, यथास्थिति बनाए रखने से और अधिक प्रॉपर्टी डिमांड बढ़ेगी और मार्किट का भरोसा मजबूत होगा। दूसरी ओर, यह संभावित खरीदारों पर फाइनेंसियल प्रेशर को कम करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। पिछले कुछ वर्षों में यह सेक्टर पहले से ही अच्छा प्रदर्शन कर रहा है, और इस निर्णय से इस सेक्टर के डेवलपमेंट को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है, जिससे डेवलपर्स के लिए उभरते क्षेत्रों में प्रोजेक्ट लॉन्च करने का रास्ता खुल जाएगा।

सीआरसी ग्रुप के डायरेक्टर मार्केटिंग और बिजनेस मैनेजमेंट सलि‍ल कुमार का कहना है कि आरबीआई ने एक बार फिर अच्छा कदम उठाते हुए रेपो रेट को स्थिर रखा है। मजबूत अर्थव्यवस्था और अच्छी जीडीपी वृद्धि के साथ, स्थिर ब्याज दरें खरीदारों और डेवलपर्स के लिए फायदेमंद होंगी। इससे कमर्शियल और रेजिडेंशियल मार्केट को मजबूती मिलेगी और सभी के लिए निवेश के मौके खुलेंगे। आने वाले त्योहारों को देखते हुए, यह कदम ग्राहक जुड़ाव को बढ़ाएगा और पूरे क्षेत्र को लाभ पहुंचाएगा।

प्रतीक ग्रुप के एमडी, प्रतीक तिवारी के अनुसार रिपो रेट 6.50% पर स्थिर रखा गया है, जो रियल एस्टेट सेक्टर की बढ़त को समर्थन करता है। भारतीय रियल एस्टेट बाजार हाल ही में बढ़ रहा है, और यह स्थिर रेट सेक्टर को और फायदा देगा। खासकर, लग्जरी और प्रीमियम प्रॉपर्टीज की बिक्री बढ़ी है, और लोग उच्च-स्तरीय प्रॉपर्टीज में निवेश करने के लिए तैयार हैं। हमें लगता है कि यह निर्णय लग्जरी रियल एस्टेट बाजार को अच्छी तरह प्रभावित करेगा और सेक्टर की वृद्धि को आगे बढ़ाएगा।

लैंडमार्क ग्रुप के फाउंडर और चेयरमैन संदीप छिल्लर का कहना है कि रियल एस्टेट एक ऐसा क्षेत्र है जो दरों पर निर्भर करता है और लगातार नौवीं बार 6.50% पर रेपो रेट बनाए रखना रियल्टी बाजार में सकारात्मक भावना को बढ़ावा देता है। आवास की मांग बहुत ज्यादा है, इसलिए स्थिर लोन दरों से खरीदारों और डेवलपर्स दोनों को ज्यादा विश्वास मिलेगा, जिससे बाजार में वृद्धि और स्थिरता की उम्मीद है। ब्याज दरों में इस स्थिरता से संभावित घर खरीदारों को भी प्रोत्साहन मिलेगा।

भूमिका ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर, उद्धव पोद्दार का कहना है कि जीडीपी की वृद्धि की भविष्यवाणियाँ अच्छी हैं। इस पृष्ठभूमि में, RBI द्वारा रिपो रेट को वही रखने का फैसला स्थिरता का संकेत है और यह एक मजबूत अर्थव्यवस्था की तस्वीर दिखाता है।

रॉयल एस्टेट ग्रुप के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर पीयूष कंसल का कहना है कि लगातार नौवीं बार रेपो रेट 6.50% पर स्थिर रखने के आरबीआई के फैसले से रियल एस्टेट बाजार पर सकारात्मक असर पड़ने की उम्मीद है। जैसे-जैसे घर की कीमतें बढ़ रही हैं, होम लोन दरों में स्थिरता से खरीदारों को कुछ राहत मिलेगी। इसके अलावा, इन ब्याज दरों को बनाए रखने से खरीदारों और डेवलपर्स दोनों को लाभ होने की संभावना है, साथ ही उपभोक्ता विश्वास बढ़ेगा और क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा मिलेगा। इस स्थिर दर से नई परियोजनाओं के लॉन्च होने और विकासशील क्षेत्रों में विकास को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।

360 रियलटर्स, के डायरेक्‍टर संजीव अरोड़ा ने बताया कि जून के महीने में इन्फ्लेशन में 5.1% की वृद्धि के बाद रेपो दर को अपरिवर्तित रखना अपेक्षित था। ग्लोबल मार्किट में अनिश्चितताओं और माल ढुलाई की कीमतों में उछाल के साथ इन्फ्लेशन में वृद्धि सरकार को अर्थव्यवस्था पर अधिक आक्रामक रुख अपनाने से रोकेगी। लिक्विडिटी के प्रवाह के बजाय, स्टेबल प्राइस पर अधिक ध्यान दिया जाएगा। अच्छी बात यह है कि ईएमआई अपरिवर्तित रहेगी और रियल्ट एस्‍टेट सेक्‍टर में डिमांड जल्द ही कम होने वाली नहीं है। स्वस्थ आर्थिक गति और व्यापक समग्र मांग देश में आवास और वाणिज्यिक अचल संपत्ति दोनों को सकारात्मक दिशा में ले जाना जारी रखेगी।

औरिका होम्स के फाउंडर और सीईओ, प्रसून चौहान का कहना है कि देश में घरों की बहुत बड़ी मांग है। हाल ही में बजट में शहरी आवास को बढ़ावा देने के लिए किए गए प्रावधान और पिछले दो सालों से रेपो रेट में स्थिरता के चलते रियल एस्टेट सेक्टर की वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा। हालांकि, महंगाई एक चिंता का विषय है, और हमें उम्मीद है कि RBI इसे कंट्रोल करने में सफल होगा, जिससे रेपो रेट में और कमी हो सके।

मुकुल बंसल, प्रबंध निदेशक, मोतियाज़ ग्रुप के अनुसार आरबीआई के रेपो दर को अपरिवर्तित रखने के निर्णय से उनके आर्थिक दृष्टिकोण पर भरोसा झलकता है। इस स्थिरता का आवासीय रियल एस्टेट बाजार पर महत्वपूर्ण सकारात्मक प्रभाव पड़ने की संभावना है, जिससे विभिन्न प्रकार के खरीदारों के लिए आकर्षक निवेश के अवसर मिलेंगे। हमें विश्वास है कि यह दृष्टिकोण रियल एस्टेट क्षेत्र को आगे बढ़ाने में मदद करेगा। इसके अलावा, सरकार के मुद्रास्फीति को प्रबंधित करने के प्रयास से और अधिक लाभ मिलेगा। इस स्थिरता से आवासीय और वाणिज्यिक रियल एस्टेट क्षेत्रों को लाभ मिलने की उम्मीद है, जिससे सभी निवेशकों के लिए लुभावने निवेश अवसर उत्पन्न होंगे।”

सुषमा ग्रुप के एमडी प्रतीक मित्तल का कहना है कि आरबीआई गवर्नर ने लगातार नौवीं बार रेपो रेट को 6.50% पर बनाए रखने का फैसला किया है। इससे संभावित खरीदारों पर वित्तीय दबाव कम होगा, जो एक अच्छा संकेत है। यह निर्णय कमर्शियल प्रॉपर्टियों में निवेश करने के इच्छुक लोगों को प्रेरित कर सकता है। इसके साथ ही, यह किफायती और मध्यम श्रेणी के कमर्शियल प्रोजेक्ट्स को बढ़ावा देने, रियल एस्टेट बाजार को सक्रिय करने और लोगों को उनकी संपत्ति के सपने को पूरा करने में मदद करेगा।

ट्राइसोल रेड के एमडी, पवन शर्मा के अनुसार लगातार नौवीं बार रेपो रेट 6.5% पर बरकरार रखने के आरबीआई के फैसले से रियल एस्टेट सेक्टर को काफी फायदा हुआ है। ब्याज दरों में यह स्थिरता उपभोक्ता विश्वास को बढ़ाती है, जिससे घर की खरीदारी अधिक आकर्षक और किफायती हो जाती है। नतीजतन, रियल एस्टेट अस्थिर विकल्पों की तुलना में अधिक आकर्षक निवेश के रूप में उभरता है, जो घरेलू और विदेशी दोनों निवेशकों को आकर्षित करता है।

रजत गोयल, मैनेजिंग डायरेक्टर एमआरजी ग्रुप के अनुसार अधिकारियों ने नौवीं बार रेपो रेट को स्थिर रखकर स्थिरता के संकेत को मजबूत किया है। जीडीपी वृद्धि अनुमान 7.2% पर स्थिर रहने के साथ, रेपो दर में 6.5% की यह स्थिरता बायर्स के इस क्षेत्र के प्रति झुकाव को मजबूत करेगी। इस तरह की स्थिरता से उधार लेने की लागत कम होगी, जिससे रियल एस्टेट डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स अधिक सुलभ और सस्ती हो जाएंगी। हालांकि, रेपो रेट में मामूली कमी फायदेमंद होगी, जिससे डेवलपर्स और बायर्स को प्रोत्साहन मिलेगा। मूल्य में उतार-चढ़ाव के प्रति रियल एस्टेट की संवेदनशीलता को देखते हुए, आरबीआई के स्थिर दृष्टिकोण से उद्योग को एक मूल्यवान बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।

एस्कॉन इंफ्रा रियल्टर के एमडी, नीरज शर्मा का कहना है कि रियल एस्टेट में निवेश तेजी से बढ़ रहे हैं, और RBI का 6.50% पर रेपो रेट को स्थिर बनाए रखने का निर्णय इस क्षेत्र को और समर्थन देगा। लग्जरी हाउसिंग की मांग बढ़ रही है, और स्थिर ऋण दरें खरीदारों और डेवलपर्स के बीच आत्मविश्वास बढ़ाएंगी। इससे दीर्घकालिक विकास को प्रोत्साहन मिलेगा और डेवलपर्स को खरीदारों की जरूरतों के अनुसार प्रोजेक्ट तैयार करने में मदद मिलेगी।

गिल्को ग्रुप के एमडी, तेजप्रीत सिंह का कहना है कि भारतीय रियल एस्टेट सेक्टर हाल के वर्षों में तेजी से बढ़ रहा है। RBI द्वारा रेपो रेट को 6.50% पर बनाए रखने से रियल एस्टेट को और फायदा होगा। प्रीमियम और लग्जरी सेगमेंट में बिक्री बढ़ी है, और स्थिर ब्याज दरें खरीदारों का आत्मविश्वास बढ़ाएंगी। यह निर्णय खरीदारों और डेवलपर्स दोनों के लिए सहायक होगा। बाजार सामान्य रूप से ठीक हो जाता है और बढ़ता है, और हमें उम्मीद है कि यह प्रवृत्ति जारी रहेगी।

रीच ग्रुप के फाउंडर चेयरमैन, हरिंदर सिंह होरा का कहना है कि हम RBI के रेपो रेट को स्थिर बनाए रखने के निर्णय की सराहना करते हैं। इससे कमर्शियल रियल एस्टेट के विकास पर अच्छा असर पड़ेगा क्योंकि ऋण की ब्याज दरें स्थिर रहेंगी। संभावित खरीदारों को अतिरिक्त वित्तीय दबाव से राहत मिलेगी, जिससे निवेश के लिए एक अच्छा माहौल बनेगा। इस निर्णय से इस क्षेत्र में नई परियोजनाओं की शुरुआत हो सकेगी।

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